Motivationat poetry:- बस तू आगे बढ़ता जा

बस तू आगे बढ़ता जा मेहनत तू अपनी करता जा
गगन चुम्बी बन जाएगा तीर्व गति से चलता जा

बस तू आगे बढ़ता जा
बस तू आगे बढ़ता जा

फतह का तू ध्वज बांध ले, गगन भी कपकपेगा
अगर गिरा जो ध्वज तेरा तो भूचाल आ जाएगा
बिना किसी के  खौफ के ,तू अपनी राह पे चलता जा

बस तू आगे बढ़ता जा
बस तू आगे बढ़ता जा

हालातो की ज्वाला में  जब भी जलाया जाए तुझे
तू और निखरता दिखता जा

बस तू आगे बढ़ता जा
बस तू आगे बढ़ता जा




काटे मिलेंगे राहो पे उनसे न तू डरता जा

बस तू आगे बढ़ता जा
बस तू आगे बढ़ता जा

अँधेरे  मिलेंगे बहुत जीवन में
दीपक सा तू जलता जा

बस तू आगे बढ़ता जा
बस तू आगे बढ़ता जा!!



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